#अब_वो_बात_कहा अब शाम की चाय में वो स्वाद कहा, जो तेरे साथ बैठकर पीने में आता था। अब शराब में वो नशा कहा, जो तेरे नैनों के मिलने में आता था। अब रातों में वो बात कहा, जो तेरी ज़ुल्फ़ों के खुलने में आता था। अब नींद वो मज़ा में कहा, जो तेरी गोद में सिर रखकर आता था। #किस्से_दिल_की_किताब_के #nojoto