मैं माँगती रहूँगी दुआ, आप वक़्त आने पर क़ुबूल करना, उठाऊँ ना रहमतों का फायदा, इबादत पर उसूल रखना। छोड़ते नहीं हो आप अकेले, देते हो सबका साथ हमेशा, सताऊँ ना और-और कर, आप अपना कर वसूल करना। श्रद्धा-सबुरी सिखाया है, नज़रअंदाज़ी भी सिखाइये ना, भुलाऊँ ना सीख, भटकने ना दे मुझे, पीछे रसूल रखना। कोशिश तो यही है, उलझूँ ना फ़ुज़ूल की दुनियादारी में, पाऊँ ना समझ, मेरी नासमझी से आप ना मलूल रहना। क़ायनात में साईं से बड़ा कोई और हमदर्द नहीं है 'धुन', जताऊँ ना कभी,तब भी मेरी इबादत का मामूल रखना। रसूल- Messenger of God मलूल- Sad मामूल- Habit #omsairam #sai #poetry #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #yqpoetry