तेरी याद मैं कुछ इस तरह बेकरार है। कुछ किया नहीं है फिर भी गुनहगार है।। आए थे इश्क़ के बाज़ार में खुशियां बेचने। अब लगता है कि खुद गमो के खरीददार है।। Akshay A. Yadav Akshay A yadav