मन में है सवाल खुद से, दिल हैरान सा सब है खाली खाली, देह खाली खाली सा रोज शाम को मिली थी, गलियां है वहीं यादे ही बची है सारी, साथ तुम नहीं घाट घाट भी यही है, गंगा बह रही दीप भी लिए खड़ा हूं, दूर तुम रही बात साफ साफ है, मन उदास सा सब है खाली खाली, देह खाली खाली सा चाट वाला कह रहा, पापड़ी कह रही बेवजह ही खा रहे हो, दूर वह गयी पुस्तकें मिली तुम्हारी, इच्छा ना रही ढाई आखर प्रेम का, वो कैसे पढ़ गई याद याद याद है, पर वो खास सा सब है खाली खाली, देह खाली खाली सा ©गंगवार रामवीर 🎙️9446324383 #NojotoQuote #ramveer #khali_khali_sa