क्यु देखता है राह को, चलना जरुरी है मंजिल पाने के लिये..! भले हि दूर है तो क्या हुआ इम्तिहान तो होता हि है , नया साल आजमाने के लिये..! भटकना जरुरी है दोस्त, नया साथी पाने के लिये..! अभी तो आई हि है रुकावटे शरण मे आज प्रभु कि तरक्की पाने के लिये..!! ©Shreehari Adhikari369 #शरण मे आ जा #Thinking