राधे राधे हे बाँके बिहारी मेरी बात मान जाओ ना बरसों से बिछड़े हैं बहुत याद आती है तुम्हारी जीवन भर के लिए विन्द्रावन बुलाओ ना थक गए हैं माया के चक्कर लगा लगा कर फिर से गोवर्धन की परिक्रमा लगवावो ना शेखर अनन्य भक्त है बचपन से तुम्हारा अपने चरणों का रज मेरे सर पर गिराओ ना हे बाँके बिहारी मान जाओ ना हे बाँके बिहारी #Krishna