Nojoto: Largest Storytelling Platform

White ऐ शाम तेरी ये ईमानदारी,उसके जाते ही तेरी भी

White ऐ शाम तेरी ये ईमानदारी,उसके जाते ही तेरी भी जाने की मनमानी।
तू उसकी याद लेकर आती है,और मुझे उस याद के हवाले कर जाती है।
अब तो मुझे हर इक रात से डर लगता है,आती जाती हर इक याद से डर लगता है।
हां मुझे अपने टूटे हर इक ऐतबार से डर लगता है, उसकी हर एक बात से डर लगता है।
रातों को तो मैं बस अंधेरों से पहचानता था, जब तक मैं जुगुनुवों को नहीं जानता था।
सुर्ख़ अंधेरी चादर लपेटे रात आज भी आई,पर उन जुगुनुवों की रोशनी से वो मुझे डरा न पाई।
अगर बस इक रोशनी से अंधेरे का डर जा सकता है तो मतलब सबकुछ हो सकता है।
फिर तो दिल में सुकून और प्यार भी होता ही होगा, पर एक सवाल ये कि अगर होता होगा तो कैसा होता होगा?
जून की गर्मी में यूं ही कपकपाना, कुछ देर और चादर में मुंह को छुपाना, सपनों की दुनियां में बैठे बैठे ही खो जाना या फिर किसी को देख सबकुछ भूल बस उसी पल में ठहर जाना।
यादों की चौखट पर बैठ घंटों बतियाना,बस उसी एक की याद में खोते चले जाना.........
अगर ऐसा है तो हां प्यार तो था पर अब वो मुझसे बात नहीं करती है और ये बात मुझे खास से आम कर जाती है।
वो हसकर, धीरे से खुशियों की बौछार करती थी 
वो देखती थी मेरी ओर और सुर्ख मेरे हालात करती थी, मगर अब ऐसा कुछ भी नहीं होता और ऐसा करके वो मुझे खास से आम करती है।
मुझे लगता है अब न कोई एहसास है और न मैं क्योंकि अब वो मुझसे बात भी नहीं करती...!
क्यूंकि अब वो मुझसे बात भी नहीं करती...!

©duggu
  #Moon #Sad #love #pain #quote #quoteoftheday
gforgenius8259

duggu

New Creator