"सोने के खिलौनों से, सजा बचपन का इक सपना। जवानी लोभ न पाले, जमीरी सीख ली मैंने।। कि देखा जबसे मैंने, खाली बटुओं से निकलता दान। था मुफलिस मैं भी, थोड़ी सी अमीरी सीख ली मैंने।।" ©आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी" #आशुतोष_आर्य #मुफलिसी #जमीर #सपने #दान