इक कुत्ता उनको ताक रहा, वो जीभ निकाले हाँफ रहा। रॉ

इक कुत्ता उनको ताक रहा,
वो जीभ निकाले हाँफ रहा।
रॉल जीभ से टपक गयी,
उसके अंदर भी तो शायद,
भूख की ज्वाला भड़क गयी,
देख स्वान की हालत तब,
अम्मा की ममता धड़क गयी
जो मुँह में पानी आ गया था,
उसको अम्मा फिर गटक गयी,
वो अपनी भूख को भूल गयी,
कुत्ते के दुःख में झूल गयी।
अम्मा ने रोटी बढ़ा दिया,
कुत्ते को थोड़ी हया लगी,
उनसे खानें से मना किया।
खा पी के अब वो लेट गयी....
बूढ़ी अम्मा......... #nojoto#poetry#बूढ़ीअम्मा.....
इक कुत्ता उनको ताक रहा,
वो जीभ निकाले हाँफ रहा।
रॉल जीभ से टपक गयी,
उसके अंदर भी तो शायद,
भूख की ज्वाला भड़क गयी,
देख स्वान की हालत तब,
अम्मा की ममता धड़क गयी
जो मुँह में पानी आ गया था,
उसको अम्मा फिर गटक गयी,
वो अपनी भूख को भूल गयी,
कुत्ते के दुःख में झूल गयी।
अम्मा ने रोटी बढ़ा दिया,
कुत्ते को थोड़ी हया लगी,
उनसे खानें से मना किया।
खा पी के अब वो लेट गयी....
बूढ़ी अम्मा......... #nojoto#poetry#बूढ़ीअम्मा.....