इतेफ़ाक है कि आज भी तेरा इंतेज़ार है,
तह कर चुका लंबा सफ़र मैं
पर आज भी तेरी ही याद है,
दिन ढले तो तू एक ख़्वाब है,
उजाला हो तो बन जाती तू आब है,
दिल में सुलगती सी एक आग है
कि आज भी क्यूँ तू मुझे याद?
यक़ीन है निकलूँगा इस कश्मकश से मैं #yqbaba#yqdidi#someonespecial#YourQuoteAndMine#alpeshmatiya