पुलिस की कहानी बरसात इतनी थी की सारे रास्ते पानी से घिर गए थे। घर से ड्यूटी के लिए निकलते ही हम नाले में गिर गये थे। कहीं चोट तो नहीं लग गई मकान मालिक को डर था, हमें हंसी आ रही थी क्योंकि, एक पैर बाहर और एक नाले के अंदर था अब गिरने के बाद साला क्या ही पछताना था, पुलिस की नौकरी है तो ड्यूटी तो, जाना ही था ड्यूटी पर सब कमर मे लगी चोट के हाल पूछते रहे, और जूते मोजे कुर्सी के बगल में रखे सूखते रहे। चौकीदार नहीं था पुलिस लाइन में, पानी की बोतल एक मंगवानी थी, दोपहर बारह बजे लौट कर खायी बुखार की दवा जो सुबह सात बजे खानी थी। यह तो केवल मुझ एक की दर्द भरी कहानी है हम पुलिस वालों को ऐसी दिक्कतें उम्र भर उठानी है क्योंकि हमे अपने देश की जिम्मेदारी जो निभानी है कुछ भी नहीं है अपना गिरवी सरकार के पास जिंदगानी है। जिंदगी मे हर सुकून का हो चुका खात्मा है कोई हमारा भी दर्द समझे, हम पुलिस वालों में भी आत्मा है कहीं रपट न लिख जाए इस बात से डरते रहेंगे अपने दर्द अपनी संवेदना मन में ही भरते रहेगे हमारा साथ देने कभी हमारे विभाग वाले भी नहीं आते किसी को फ़र्क नहीं पड़ेगा हम खुद से हारकर यूं ही मरते रहेंगे। बाहर से मज़बूत दिखते है अंदर से बिखर जाते हैं अब महसूस होने लगा है कि क्यों पुलिस में होते हुए भी कुछ साथी अकेले कमरे में खुदखुशी करके मर जाते हैं। ©Neha Singh Chauhan पुलिस वाले का दर्द#uppolice #Suicide #pain #Aapbeeti #depression ajay thakur Adv raju Kanaujia Farhan Shaikh ✔️ अनंत Jimmy