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.....श्री गणेशाय नमः.... "कर्म का फल" एक गरी

   .....श्री गणेशाय नमः....
   "कर्म का फल"
एक गरीब व्यक्ति ने एक सैनिक से कहा भाई जी अगर कुछ पैसा
दे देते तो मैं कोई रोजगार कर लेता और जो आपको बैंक से सूद
मिलता है उतना हम अदा कर देंगे इससे मेरा रोजगार भी हो जायेगा 
और आपको सूद भी मिल जायेगा। सैनिक बोला ठीक है पैसा ले
लो मेरा मूल लौटा देना हमें सूद नहीं चाहिए। सैनिक का उसके
अलावा परिवार में कोई नहीं था। सैनिक ने पैसा दे दिया, वो व्यक्ति
गरीबी से उबरकर सेठ बन गया, इधर सैनिक किसी लड़ाई में मर
गया, सैनिक के मरने की खबर सुनकर सेठ खुश हो गया कि चलो
मुझे पैसा नहीं देना पड़ेगा। कुछ साल बाद सेठ ने अपने बेटे की
बड़े धूमधाम से शादी की बहू घर आई खुशी का ठिकाना नहीं था।
धीरे धीरे समय गुजरा सेठ का बेटा बीमार पड़ गया और इलाज़ में
सेठ फिर कंगाल हो गया अंततः सेठ का बेटा मर गया। सेठ अपने
घर पर विलाप कर रहा था तब तक एक साधू बाबा आए रोने का
कारण पूछे तो सेठ ने बताया तो बाबा ने कहा कि सैनिक के मरने
पर न तुम खुशी मनाते न तुम्हारी ये हालत होती। कर्म का फल
आवश्य मिलता है, किसी न किसी रुप में। जय श्री राम।

©R K Mishra " सूर्य "
  #कर्मफल  Mili Saha Kanchan Pathak Sethi Ji भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Ashutosh Mishra