कुछ तो हुआ है तेरे इस संसार से जाने के बाद, ये खामोशी, तन्हाई, मायूसी और सूनापन मानो खाने को आते हो; अब अल्फ़ाज़ भी मानो होठों पर आने के बजाय दिल में ही रह जाते हैं| कुछ तो हुआ है तेरे इस संसार से जाने के बाद, घर की यह चारदीवारी अब कुछ अजनबी सी महसूस होती हैं; चाँद भी अब कुछ अधूरा सा दिखाई पड़ता है| कुछ तो हुआ है तेरे इस संसार से जाने के बाद, समाज के जो तंज और तोहमतें पहले तुम्हारे हिस्से आते थे.. अब वे मेरे हिस्से में आने लगे हैं बावजूद इसके लोग कहते हैं तुम भूल कर उसे आगे बढ़ गयी हो.. मैं कहती हूँ उन्हें ईश्वर से मांगी पहली और अंतिम दुआ है वो मेरी| कुछ तो हुआ है तेरे इस संसार से जाने के बाद, खुशियाँ और त्योहार तो मानो अब कैलेंडर तक ही सीमित रह गए हैं; घण्टों शमशान घाट पर खड़े होकर तुमसे शिकवा करना दिनचर्या का एक हिस्सा बना गया है| कुछ तो हुआ है तेरे इस संसार से जाने के बाद, खुद में ही खुद को उलझा हुआ देख तराशने की कोशिश करती हूँ मैं; तेरी तस्वीर के सहारे अपना हाल-ए-दिल तुमसे बयाँ कर देती हूँ मैं|| ©भारती वर्मा #MereKhayaal