अंधेरी रात का साहिल बनना मुकर्रर था, तो मैंने भोर का रास्ता करार कर दिया। रहा तिमिर के गर्भ में डूबा हुआ, रौशनी को मैंने खबरदार कर दिया। कई पर्वतों की उचाई मापी है, गहराई को मैंने आत्म निर्वाण कर दिया। उच्छल जल में पखेरू भी गोते लगाते है, मैंने तह में जा कर गला तर कर दिया। तुम साहिल की बाट जोहते हो उतरन को, मैंने लहरों पे अपना आशियाना आबाद कर दिया। तुम पारस खोजते हो स्वर्ण में ढलने को, मैंने तो पत्थर छु के पारस कर दिया है। मेरी समझ से देखो हर कोई नासमझ मिलेगा, परिस्थितियों ने मुझे बेजार कर दिया है। चांद की सिथिलिता का परिचय हूं, सूरज सा तेज का प्रमाण कर दिया है। अंधेरी रात का साहिल बनना मुकर्रर था, तो मैंने भोर का रास्ता करार कर दिया। रहा तिमिर के गर्भ में डूबा हुआ, रौशनी को मैंने खबरदार कर दिया। कई पर्वतों की उचाई मापी है, गहराई को मैंने आत्म निर्वाण कर दिया।