" जिसकी आंखों की सच्चाई ने हम सच्चा बना दिया जिसकी छोटी छोटी शरारतों ने हम बच्चा बना दिया कहीं वो भी ना हो जाए हम जैसे प्रेम में पागल बस इसीलिए मिलना मिलाना छोड़ दिया हमनें " रफ्ता जोगी! Sacrifice in love ;