Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे इश्क़ की आहट तो हवाओं में, या बन्द पलकों में ह

तेरे इश्क़ की आहट तो हवाओं में,
या बन्द पलकों में ही मिलती रही!
ख़ुश्बू भरा एहसास ख़्यालों में रहा,
या ख़्वाब बन कर ही खिलती रही।
बानगी चाहत की बे-मिसाल तेरी,
तेरी सादगी फ़िज़ा में  घुलती रही।
इक लहर तुम और इक लहर हम!
टकराकर मिली और खुलती रही। 🎀 Challenge-415 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
तेरे इश्क़ की आहट तो हवाओं में,
या बन्द पलकों में ही मिलती रही!
ख़ुश्बू भरा एहसास ख़्यालों में रहा,
या ख़्वाब बन कर ही खिलती रही।
बानगी चाहत की बे-मिसाल तेरी,
तेरी सादगी फ़िज़ा में  घुलती रही।
इक लहर तुम और इक लहर हम!
टकराकर मिली और खुलती रही। 🎀 Challenge-415 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।