मैंने यादों के हुज़रे पे अक़्सर तुझको ठहरा देखा । रात गए मैंने ख्वाबों में भोला भाला चेहरा देखा ।। सोना चांदी हीरा मोती जैसा उसमे रंग नही था । मिट्टी की मूरत में मैंने उसका रंग इकहरा देखा ।। मैंने बीराने गुलशन में क्यारी क्यारी जन्नत देखी । तितली बनके फूलों पर जब मैंने उसका पहरा देखा ।। हाए मैंने ये क्या देखा ,नामुकिन को मुमकिन देखा । तुझमें अपनी दुलहन देखी अपने सर पर सेहरा देखा ।। ..........sultan mohit bajpai #ख़्वाब #NojotoHindi #Nojoto #EmotionalHindiQuotestatic #NojotoWodHindiQuotestatic #Quotes #Shayari #Poetry