(दोहा) दुःख दुविधा काहुं द्रवित, सुख सुविधा नहिं भ्रमित। माया कै प्रपंच सबहु, मन: हो नहिं शंकित।। ©Khushi Kandu #दोहाअभ्यास #khushikandu #khushithought #SunSet