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ख्वाहिशें बिन पूछे, इंसान को सातवें आसमान पर चढ़ात

ख्वाहिशें बिन पूछे, इंसान को सातवें आसमान पर चढ़ाती हैं,
अकसर, हकीकत से बेखबर, कुछ ज्यादा ही उम्मीद दे जाती हैं।

इंसान के चाहने से भी, कुछ बातें, कभी ना हो पाती हैं,
सब कोशिशें, सब इबादतें..... नाकाम सी नज़र आती हैं।
 ख्वईशे तब, किस्मत के आगे, सर झुकाए, खड़ी हो जाती हैं,
उम्मीदें रोआसा हो, खामोशी के आगोश में, समा जाती है ।
टूट जाता है दिल, क्या हुआ कुछ समझ नही पाता है,
अचानक कहाँ गुम हो गई वो खुशी, उसे ही ढ़ूडे जाता है।

ख्वाहिशें बिन पूछे, इंसान को सातवें आसमान पर चढ़ाती हैं,
अकसर, हकीकत से बेखबर, कुछ ज्यादा ही उम्मीद दे जाती हैं। #ख्वाईशें
ख्वाहिशें बिन पूछे, इंसान को सातवें आसमान पर चढ़ाती हैं,
अकसर, हकीकत से बेखबर, कुछ ज्यादा ही उम्मीद दे जाती हैं।

इंसान के चाहने से भी, कुछ बातें, कभी ना हो पाती हैं,
सब कोशिशें, सब इबादतें..... नाकाम सी नज़र आती हैं।
 ख्वईशे तब, किस्मत के आगे, सर झुकाए, खड़ी हो जाती हैं,
उम्मीदें रोआसा हो, खामोशी के आगोश में, समा जाती है ।
टूट जाता है दिल, क्या हुआ कुछ समझ नही पाता है,
अचानक कहाँ गुम हो गई वो खुशी, उसे ही ढ़ूडे जाता है।

ख्वाहिशें बिन पूछे, इंसान को सातवें आसमान पर चढ़ाती हैं,
अकसर, हकीकत से बेखबर, कुछ ज्यादा ही उम्मीद दे जाती हैं। #ख्वाईशें
ruchika7794

Ruchika

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