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#OpenPoetry " तृष्णा " ✍️✍️

#OpenPoetry 











        " तृष्णा "  ✍️✍️

भूखें आदमी की कहे आत्मा
मैंने पेट भराई अनाज मिले

अनाज मिले त भी  सब्र करे नही,
कहें धन माया का जहाज मिले

जहाज भी मिलज्या त फिर भी सब्र नही
कहे सब पृथ्वी का राज मिले

उसने राज मिले त भी सब्र नही
फिर कहे " इंद्र " हालाँ ताज मिले...??


चौड़ा पेट घणा " तृष्णा " का भरा नही कदे भरे नही
" तृष्णा " सदा जवान रहे स या बूढ़ी हो कदे मरे नही...!!

©निःशब्द अमित शर्मा #unfulfilleddesire
#OpenPoetry 











        " तृष्णा "  ✍️✍️

भूखें आदमी की कहे आत्मा
मैंने पेट भराई अनाज मिले

अनाज मिले त भी  सब्र करे नही,
कहें धन माया का जहाज मिले

जहाज भी मिलज्या त फिर भी सब्र नही
कहे सब पृथ्वी का राज मिले

उसने राज मिले त भी सब्र नही
फिर कहे " इंद्र " हालाँ ताज मिले...??


चौड़ा पेट घणा " तृष्णा " का भरा नही कदे भरे नही
" तृष्णा " सदा जवान रहे स या बूढ़ी हो कदे मरे नही...!!

©निःशब्द अमित शर्मा #unfulfilleddesire