ताल्लुक नही कोई तुमसे मगर फिर भी तुम अपने से लगते हो रोज़ाना सामना तुमसे होता है मगर तुम्हें देख कुछ अच्छा सा लगता है मेरी मुसकुराहट तुम्हें अपनी सी लगती है जाने क्यों मेरी हर बात सच्ची सी लगती है मेरे दर्पण मेरा अक्स हो तुम मेरी हर बात के साक्षी हो तुम कहने को तो सिर्फ एक आइना हो , मगर मेरे लिए मेरा ही एक अंश हो।। #Mirror #SelfBeauty