"हादसा" एक चिंगारी ने क्या खूब करी साजिश, धुआं भी ना दिखा बाहर, अंदर से उठ भी रही है तपिश, ना जल से,ना और किसी हल से, ना आंचल से,ना बरसाती बादल से, यह लपटें काबू मे आएगी, पहले मेरी सांस उखडेगी,फिर तेरी याद जाएगी, कोशिश भी मत करना कि थम जाए यह आग कहीं, मुझे तो रोज जलना है,बची है अभी रात कई, तो जलने दो मुझे आग सा, होने दो कोई हादसा ।। #yqbqba #fireinheart #fire #accident #yqdidi #hindi #hindipoetry #heartburning