अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को गिनती, सब्जियों और फलों के नाम तक, रोजमर्रा की जरूरतों के शब्दों का ज्ञान हिंदी में न होना तो बहुत ही दुःख की बात है और, आज वे और उनके अभिभावक तक हिंदी के यशोगान और बधाइयाँ बाँटने में पीछे नहीं रहे होंगे!ऐसा झूठा दिखावा और आडंबर क्यों? चाहे कितनी ही भाषाएँ सीखें पर हिंदी सर्वोपरि और सर्व सम्मानित होनी ही चाहिए!वक्त बदलने वाले हम ही हैं!हमने ही अंग्रेजी को सिर पर बिठाया है अब हम ही हिंदी को भी सिर पर बिठायें, जन-जन के हृदय की भाषा बनाएं!आज माननीय मोदी जी के होते आमूल चूल बदलाव हो रहे हैं हिंदी भाषा के लिए भी हो जाएंगे...बस जनता का साथ चाहिए!!! #हिंदी को व्यवहार में लाएं....#१४.०९.२० #Hindidiwas