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लगन की लौ बुझाओ मत, अंधेरा है तो क्या हुआ। कर्म कर

लगन की लौ बुझाओ मत, अंधेरा है तो क्या हुआ।
कर्म करता बढ़ तू आगे , मंजिल दूर है तो क्या हुआ।
माना कठिन है राह पर, 
चलना तुम्हारा काम है।
लड़ मुश्किलों से हर कदम,
जीवन इसी का नाम है।
कोशिश तू कर, मत हार तू , तुफां लाख है तो क्या हुआ।

©नागेंद्र किशोर सिंह
  # मत हार# कविता# मेरी कलम से#

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