कागज पर यु ही कुछ लिखता नहीं। सब दिखा रहे है जो मै वह दिखता नहीं। थोरी सी लुत्फ के लिये ऐ मेरे दोस्त, मै किसी मजलिस मे जाके बिकता नहीं। कवि:-कृष्ण मंडल #कागज कागज पर यु ही कुछ लिखता नहीं। सब दिखा रहे है जो मै वह दिखता नहीं। थोरी सी लुत्फ के लिये ऐ मेरे दोस्त, मै किसी मजलिस मे जाके बिकता नहीं। कवि-कृष्ण मंडल Dev Ratna डॉ.अजय मिश्र Dr S. K. mishra "सत्याग्रही"