Nojoto: Largest Storytelling Platform

जरा ठहरो कहां जा रही हो आज तो वक्त दिया नहीं कल फि

जरा ठहरो कहां जा रही हो
आज तो वक्त दिया नहीं कल फिर बुला रही हो
नाजनीन तुम कितनी मासूम हो तुम्हारी बेबसी  देखकर मैं तुम्हे रुला ही नहीं सकता
तुम हो कि इशरत देकर हमें  रुला रही हो

इशरत(भाषा -फारसी)-राहत/मौज मस्ती/आनंद/भोग विलास,नाजनीन-सुंदरी

बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से तुम हो कि इशरत देकर हमें रुला रहे हो
जरा ठहरो कहां जा रही हो
आज तो वक्त दिया नहीं कल फिर बुला रही हो
नाजनीन तुम कितनी मासूम हो तुम्हारी बेबसी  देखकर मैं तुम्हे रुला ही नहीं सकता
तुम हो कि इशरत देकर हमें  रुला रही हो

इशरत(भाषा -फारसी)-राहत/मौज मस्ती/आनंद/भोग विलास,नाजनीन-सुंदरी

बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से तुम हो कि इशरत देकर हमें रुला रहे हो

तुम हो कि इशरत देकर हमें रुला रहे हो