फेंके जो पत्थर योद्धाओं पर, वो इंसान नहीं हो सकता। इतना घुला हो जहर मन में, वो देशभक्त नहीं हो सकता।। खुद की परवाह किये बिना योद्धा, किसी मासूमों की जान बचाते हैं। कुछ जयचंदों की झांसे में आकर, मारने घर से द्रोही निकल आते हैं।। मन करता है ऐसे कपटियों को, दो चार जड़ देते हम, यदि उनकी माँ राह ना ताकती, उन्हें वहीं गाड़ देते हम।। #पु•#से• देशभक्त हूँ ये देख मन विचलित हो जाता हैं, गुस्सा बहुत आता है,मन अशान्त हो जाता हैं। लगता है ये अपने थे,पत्थर मारने क्यों आता।। #आम आ• ✍️लिकेश ठाकुर #Lockdown_2 फेंके जो पत्थर योद्धाओं पर, वो इंसान नहीं हो सकता। इतना घुला हो जहर मन में, वो देशभक्त नहीं हो सकता।। खुद की परवाह किये बिना योद्धा, किसी मासूमों की जान बचाते हैं।