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बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे सूरज निकल रहा थ

बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे
सूरज निकल रहा था कि नींद आ गई मुझे


                   by...✍~ क़ैसर-उल जाफ़री #kesar-ul-zafri
बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे
सूरज निकल रहा था कि नींद आ गई मुझे


                   by...✍~ क़ैसर-उल जाफ़री #kesar-ul-zafri