आज जो जहर बरस रहा है पूरी क़ायनात से वो तो बरसना लाज़िम था.... एक बार इंसान अपनी इंसानियत भूल गया था... आज खुदा अपनी खुदाई भूल गया है... जानती हु सब इंसान एक से नहीं... कुछ इंसानो की ही इंसानियत मरी थी... पर वो कहावत तो याद होंगी ना.... चने के साथ घुन तो पिस्ता ही है तो बस... *********************************** आज कबीर दास जी का एक दोहा बड़ा याद आया मुझे "चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोय " "दो पाटन के बीच मे साबुत बचा ना कोय " ये मेरे रब बस सबकी हिम्मत बनाये रखना क्युकी हिम्मत टूटते ही आज का इंसान भी टूट जायेगा स्वेता....... ©Sweta Saini #India #savelifes #praforindia