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कभी नादानियों मे, तुम मुझे डाटना कभी नाराज़गी मे,

कभी नादानियों मे, तुम मुझे डाटना 
 कभी नाराज़गी मे, आकर मुझे गले से लगाना
कभी बेचैनियों मे,आकार मेरी हाथों को थामना
जब सरफिरी सी लगने लगूं मैं, मुझे अपना ही तुकडा समझ कर मुसकुरा देना।
नजर न लग जाए दुनिया की , मेरी नजरों मे अपनी नजरों   से कुछ ऐसा जादु चला देना। #nitima#musings#love#diary
कभी नादानियों मे, तुम मुझे डाटना 
 कभी नाराज़गी मे, आकर मुझे गले से लगाना
कभी बेचैनियों मे,आकार मेरी हाथों को थामना
जब सरफिरी सी लगने लगूं मैं, मुझे अपना ही तुकडा समझ कर मुसकुरा देना।
नजर न लग जाए दुनिया की , मेरी नजरों मे अपनी नजरों   से कुछ ऐसा जादु चला देना। #nitima#musings#love#diary
nitimasingh9919

Nitima Singh

New Creator