जमीं से आसमां तक दसों दिशाओं में अर्जुन जो कुछ दिख रहा है सब मेंरा ही स्वरूप है इस तरह से जो मुझे जान लेता है जन्म मरण से परे अमृत स्वरूप आता है श्रीमद्भागवत गीता ©Shyam Ved #lord_krishna