जो बीत गया सो बात गयी नयी एक शुरुआत कर! आज जो सूरज अस्त हुआ कल फिर उदय उसे भी होना है.. !! एक पथ फूलों का होगा तो दूसरा कांटों से भी सजा होगा! हौसलें बुलंद कर इतने हार में भी तू जीत को ढूंढें ..!! एक हार से कमजोर खुद के इरादे न कर अधेंरे में राह बनायी है तूने एक बार याद कर! शुरू उस मोड़ से कर डगमगायी जिस मोड़ पर तेरी मजिंल की राह तेरे सामने है अनदेखा न उस राह को कर..!! by pallavi bhandari ##jindagi ka sfr#