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आसान नहीं है, किसी के साथ जीना... खामोशी से बिखरन

आसान नहीं है, किसी के साथ जीना...

खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है।।

किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है।।

किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है।।

यादों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें परायों से भी छिपना आ गया है।।

ये दिल बहुत रोता हैं, किसी न किसी के लिए,
पर ये दिल को संभलना आ गया हैं।।

चुप चाप सा देखता हूं, हर किसी को,
फिर भी यादों को छिपाएं रखना आ गया हैं।
                    🌹🌹🌹🌹🌹

©Vivek prajapati
  आसान नहीं है, किसी के साथ जीना...

खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है।।

किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है।।

आसान नहीं है, किसी के साथ जीना... खामोशी से बिखरना आ गया है, हमें अब खुद उजड़ना आ गया है।। किसी को बेवफा कहते नहीं हम, हमें भी अब बदलना आ गया है।। #कविता #Nojotoindia #poetry_addicts

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