छोड़ आये हो जिसे तुम बेबस करके। सरोबर आँसू के साथ और बेकस करके। तन्हा कर दिया उसे अपने दिल से। खुश हो उससे हिज्र का प्रयास करके। उसके रुखसार पर तुम्हारे अश्कों की जकड़न है। के बेहिसाब मोहब्बत और तुम्हारे लिए तड़पन है। जो तुझमे है वही ऐहसास है मुझमे। तुम्हारी दी हुई मोहब्बत की आस है मुझमे । जमाने भर में तुम रुसवा सही। मगर तुम्हारी ही तो प्यास है मुझमे। छोड़ गये हो जिसे तुम बेबस करके। सरोबर आँसू और बेकस करके। तुम्हारी आँख से गिरा मुझको आँसू समझ लेना। के लफ्जों का तुम अपने जादू समझ लेना। तुम्हारी याद में जो चिराग जल रहे हैं । मुझे उन चिरागों की तुम खुशबू समझ लेना।