White तो हुआ यूँ ठकुराइन कि, "कालकूट विष पीने के बाद महादेव बेसुध होने लगे तभी महाविद्या माँ तारा ने विष को शिव के कंठ में ही रोक दिया.. और महादेव नीलकंठ कहलाये " नील सरस्वती विद्या के अंतर्गत भक्त जो बोल दे वो सत्य हो जाता है... या यूँ कहें कि जो सत्य है वो ही बोला जाता है। #Line Of Paradox ©सदैव #Sad_Status