बैठी राधारानी,मनमोहन दीवानी,अति भारी सकुचानी,कछु मुख सों ना बोलती। नीचे करि नैंन, छीन मोहन कौ चैन,औ,'चलाय तीखे सैंन मीठौ नेह रस घोलती। श्यामहिं चिढ़ाय,बार-बार मुसकाय,श्याम रूप मन लाय,नेह थाह कूँ टटोलती। मन में हरस, प्यारी बाँसुरी परस, धुन सुनिकें सरस, अँखियान नहीं खोलती।। ✍परेशान✍ ©Jitendra Singh #radhamadhav #radhamanohar #radheshyam #radhakrishn #radhikamanohar AMIT GURJAR