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कुछ ज़्यादा ही थी ख़्वाहिश मेरी तुझसे दिल को दें ज

कुछ ज़्यादा ही थी ख़्वाहिश मेरी तुझसे 
दिल को दें जो सुकूं ..कुछ अल्फ़ाज़ मांगे थे 

महके जो ताउम्र , रहे मेरे साथ 
कुछ सूखे ही सहीं , गुलाब मांगे थे 

गर मोहब्बत ना थी तो ना हीं सह़ी 
झूटे ही सही कुछ तबस्सुम उधार मांगे थे 

इतनी सी इल्तजा थी कुछ वक्त याद रखना 
क़िस्मत से हमनी अपने कुछ हिसाब मांगे थे 

चल माना लिया मैं नही तेरे क़ाबिल 
तूने भी कब ज़मी पे महताब मांगे थे  #NojotoQuote #nojoto
कुछ ज़्यादा ही थी ख़्वाहिश मेरी तुझसे 
दिल को दें जो सुकूं ..कुछ अल्फ़ाज़ मांगे थे 

महके जो ताउम्र , रहे मेरे साथ 
कुछ सूखे ही सहीं , गुलाब मांगे थे 

गर मोहब्बत ना थी तो ना हीं सह़ी 
झूटे ही सही कुछ तबस्सुम उधार मांगे थे 

इतनी सी इल्तजा थी कुछ वक्त याद रखना 
क़िस्मत से हमनी अपने कुछ हिसाब मांगे थे 

चल माना लिया मैं नही तेरे क़ाबिल 
तूने भी कब ज़मी पे महताब मांगे थे  #NojotoQuote #nojoto