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सुख दुख मन का अफसाना है. वैसे अकेले ही आये है और अ

सुख दुख मन का अफसाना है.
वैसे अकेले ही आये है और अकेले ही जाना है,
कैसा भी हो बंधन एक दिन तो टूट जाना है,
कोई कितना भी रहे पास या कितना भी रहे दूर,
सुख दुख का जलवा अपने ही मन का अफसाना है.
jyotiyadav7880

Jyoti Yadav

New Creator

सुख दुख मन का अफसाना है. वैसे अकेले ही आये है और अकेले ही जाना है, कैसा भी हो बंधन एक दिन तो टूट जाना है, कोई कितना भी रहे पास या कितना भी रहे दूर, सुख दुख का जलवा अपने ही मन का अफसाना है.

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