अपनी कहानी से कई किरदार मिटाने हैं जीने को अभी बांकी कई जमाने हैं इश्क भी जी लिया, जख़्म से भी हो लिए तजुर्बे फिर भी कई अनजाने हैं... :- सुमन जानियाँ #तजुर्बे_फिर_भी