लगता है जैसे पेड़ से सभी पत्ते झड़ गए है अपने भी अब गैरों में शामिल हो गए है बहारों की उम्मीद भला कोई अब क्या करेगा जब अपने ही अब तकलीफ देने पर उतर गए है ©sonu sargam #wholegrain