एक तारों की नगरी है, जहाँ मेरा यार जिगरी बसता है सांझ के होते ही होता आसमाँ में उसका पहरा है वो यार मेरा जादू-नज़री सा मेरे रोज़े की सहरी सा है मैं एक नन्हा तन्हा तारा बस उसके दीदार को ठहरा है पाने को निशां कस्तूरी की जैसे वन प्रेमी बेसब्री सा रहता है ओ चाँद मेरे, ओ यार मेरे, मैंने एक ख्वाब सुनहरा ऐसा भी देखा है ©Swechha S ओ यारा, एक ख़्वाब ऐसा भी देखा है 💌 #6Jan #Chaand #Tum #Khwaab