यह हम जो कहे हैं जरा उसको सुन लो। वो एक रत्न है जरा उसको चुन लो।। स्वर कोकिला थी वो भारत की शान थी। उसकी आवाज ही तो उसकी पहचान थी।। सरस्वती खुद ही गले में उतर के। मधुर मधुर सा बहे उसके स्वर से।। उसके ही स्वर में वो जादू की बातें। अब रह गई केवल उसकी ही यादें।। भुलाये नहीं भूल पाएगा कोई उसकी आवाज ही तो उसकी पहचान थी।। कड़ी मेहनत से अपने आप को बनाना। वो हँसना वो रोना और फ़िर मुस्कुराना।। वह गाती तो लगता जैसे बहारों का आना। वो प्यार भरे फिर गीतों को सुनाना।। यादों में रहती है अभी तो मेरे उसकी आवाज ही तो उसकी पहचान थी।।।— % & स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी आज परमात्मा में लीन हो गई हैं। वे 92 वर्ष की थीं। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ। संगीत उन्हें विरासत में मिला था। उनके गाए गीतों की महक हर संगीत प्रेमी के हृदय में बस चुकी है। यूँ कहिये कि उनकी आवाज़ हमारे दिल की धड़कन बन चुकी है। समस्त योरकोट की ओर से हम भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। #लतामंगेशकर #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi