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में ना जाना , में था अनजाना फिर भी हम समझ ही गये.क

में ना जाना , में था अनजाना
फिर भी हम समझ ही गये.किया हुआ जब हम इतने
उदास थे कि दूनिया बेगानी सी लगी... हम कौन है... ओर हमसे हमारा किया रिश्ता है
हम किस तरफ जा रहे, कई
भीड़ में कई खो तो नहीं गये
हमें खुदकि तलाश है हम कब
तक खुदको ढुढते रहते रहेगे
कब हम वहा तक पहुँचेगे.
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©@d.r~ solanki~~
  #samandar में ना जाना, में था अनजाना

#samandar में ना जाना, में था अनजाना #कविता

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