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मैं अपनी भावनाओं को, शब्दों में पिरोता हूँ कि अपनी

मैं अपनी भावनाओं को, शब्दों में पिरोता हूँ
कि अपनी कलम को, स्याही में डुबोता हूँ
और जो भा जाए सबके दिलों को, कुछ ऐसा
मैं निरंतर अच्छा लिखने का प्रयास करता हूँ।

                                ―"निखिल कुमार" practice makes perfect--+--+--+🥰
मैं अपनी भावनाओं को, शब्दों में पिरोता हूँ
कि अपनी कलम को, स्याही में डुबोता हूँ
और जो भा जाए सबके दिलों को, कुछ ऐसा
मैं निरंतर अच्छा लिखने का प्रयास करता हूँ।

                                ―"निखिल कुमार" practice makes perfect--+--+--+🥰