रोज़ इक ख़्वाब टूट जाता है, मेरे हाथों से उसका दामन छूट जाता है। आँखें फिर भी देखती हैं नए ख़्वाब हर दिन, पर वो इक ख्वाब मुझे रोज़ सताता है। जैसे-तैसे तसल्ली दिलाता हूँ मैं खुद को, पर फिर भी दिल बड़ी ज़ोरों से घबराता है। अब यह आलम है की नहीं मिलता मैं उस से, हर वो शख़्स जो मुझे ख़्वाब दिखाता है। #ख़्वाब #ख़्वाबटूटजाताहै #दामन #आँखें #दिल #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow