बरसात की बौछार हुई तुम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई जाना ना किस तरफ रुख करूं,क्यों खुद में ही सिमट गई मैंने देखा है मात खाते तुम्हें फिर क्यों उसी दगा मे लिपट गई #Yãsh #Love #Emotion #Thoughts