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सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है अज़ानो

सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है
अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है 

भक्ति तू, ममता तू मेरी, तू मुर्शीद ,तू पीर है 
तू ही नदिया, तू ही सागर ,तू सहील, तू तीर है 
दिया भी तू, बाती भी तू, तू चंदन, तू रोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

तू रहबर है, राह भी तू है, तुझ तक चल कर जाना हैं 
खो कर शायद खुद को तुझ में ख़ुदा को मैंने पाना है 
खुली हथेली मन्नत की तू, भरे दुआ जो झोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

सब फ़ानी है पानी है, बहना है बह जाना है 
राख़ हुआ जब मैं मुझमें बस तू ही रह जाना है 
ना जाने किसने यूँ मुझ में तू साँसों सी घोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है
अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है

उदासियाँ 3 
मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ
@ वज़द

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#main_raz_raz_hizr_manavaan 
#उदासियाँ_the_journey 
#मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ  
#Nojoto 
#Hindi
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है
अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है 

भक्ति तू, ममता तू मेरी, तू मुर्शीद ,तू पीर है 
तू ही नदिया, तू ही सागर ,तू सहील, तू तीर है 
दिया भी तू, बाती भी तू, तू चंदन, तू रोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

तू रहबर है, राह भी तू है, तुझ तक चल कर जाना हैं 
खो कर शायद खुद को तुझ में ख़ुदा को मैंने पाना है 
खुली हथेली मन्नत की तू, भरे दुआ जो झोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

सब फ़ानी है पानी है, बहना है बह जाना है 
राख़ हुआ जब मैं मुझमें बस तू ही रह जाना है 
ना जाने किसने यूँ मुझ में तू साँसों सी घोली है 
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है 

सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है
अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है

उदासियाँ 3 
मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ
@ वज़द

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#main_raz_raz_hizr_manavaan 
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#मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ  
#Nojoto 
#Hindi
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

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