पंछीओ ने दरखतो पर चहचहाना छोड दिया जब से तेरे होठों ने मुस्कुराना छोड दिया वो आके बैठ जाता था मेरे साये में कभी कभी मिली क्या तेरे घर की की डगर,उसने यहाँ आना जाना छोड दिया आशियाने