आज से दो दिन पहले की बात है..यह हर पल कुछ बदलता है ये तई है..मेरे लिए भी कुछ बदला..मेरे नाम ललिता है..मुझे लिखना बहुत पसंद है..में आठ वी कक्षा से लिखती आरी हूं..मगर में अपने डायरी में लिखती थी..अब तो लॉक डाउन है हर जगह.. नौकरी तो नहीं जा सकते..ऐसे बैठे-बैठे ये ऐप देखी और इसमें लिखना शुरू की..तब से लेकर आज तक लिखने में बहुत सी सुदर आई..पिछले दो दिन से में ये मिनी कहानियां लिख रही हूं..आज मेरा तीसरा दिन है... मुझे अच्छा लग रहा है..में अब लिखने शुरू की तो ये हाथ नहीं रुकता..ऐसे ही लिखने को मन करता है.. धन्यवाद इस ऐप का.. मुझे ही नहीं यह बहुत सारे लोग अपने शब्दो को कविता के रूप में लिख कर..अच्छा महसूस कर रहे है..आज मेरे इस मिनी कहानी की तीसरा दिन है..में आज अपने आपको एक सकारात्मक लेखक के रूप में देख रही हूं. #yostowrimo में शीर्षक तीसरा दिन से एक कहानी लिखें। जैसा कि आप जानते हैं कहानी घटना प्रधान होती है और कविता भाव प्रधान। कहानी को आगे बढ़ाने के लिए शीर्षक भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। जैसा कि शीर्षक है तीसरा दिन तो इससे जुड़े तथ्यों को सामने रखें। यानी पहले के दो दिन और हैं। इन दो दिनों में ऐसा क्या घटित हुआ होगा। यहाँ तीसरा दिन कैसे इम्पॉर्टेन्ट है - इत्यादि। तो आइए, कहानी लिखते हैं। #तीसरादिन #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi