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'कब ठलेगी ये दिन, कहा ठलेगा ये शाम, जिन्दगी का तो

'कब ठलेगी ये दिन, कहा ठलेगा ये शाम,
जिन्दगी का तो पता नही ताली बाजाने 
मे मस्त है!

मस्ती के संग धूम मचाने आगये है। 
ये कोरोना है, सबको रोना है,         
             बंद कमरे मे सोना है,

©Nikhileshwar Kasdeka ##nikhileshwar nn.k
sona h jagao mat bed pr hi masht hu 
#ZeroDiscrimination
'कब ठलेगी ये दिन, कहा ठलेगा ये शाम,
जिन्दगी का तो पता नही ताली बाजाने 
मे मस्त है!

मस्ती के संग धूम मचाने आगये है। 
ये कोरोना है, सबको रोना है,         
             बंद कमरे मे सोना है,

©Nikhileshwar Kasdeka ##nikhileshwar nn.k
sona h jagao mat bed pr hi masht hu 
#ZeroDiscrimination